प्रयास News मध्यप्रदेश :
आदित्य उपाध्याय । बुन्देलखण्ड के हम ऐसे समाजसेवी श्री संतोष गंगेले कर्मयोगी से आपका परिचय कराने जा रहे है जिन्होंने अपना जीवन विद्यार्थीओ के लिए समर्पित कर दिया। वह लगभग 12 बर्षो से मोटरसाइकिल से समाज में भारतीय संस्कृति संस्कारो नैतिक शिक्षा को बचाने के लिए विभिन्न प्रकार से जन जागरूकता अभियान कैसे चलते है -
प्रश्न -आपका पूरा नाम क्या है और आप कहाँ रहते है ?
उत्तर -मुझे संतोष गंगेले कर्मयोगी ने नाम से जाना जाता है। मेरा जन्म ग्राम बीरपुरा पोस्ट नौगांव [बुन्देलखण्ड ]जिला छतरपुर मध्य प्रदेश में 11 दिसम्बर 1956 को किसान संत परिवार ब्राहमण कुल में हुआ है। मेरा भरा पूरा परिवार है। तीन पुत्र दो पुत्रिया। तीन भाई एक बहन है।
प्रश्न - आपकी प्रारम्भिक शिक्षा कहाँ कैसे हुई ?
उत्तर -मेरे प्राम्भिक प्राथमिक शिक्षा ग्राम बीरपुरा में ही हुई। आगे की शिक्षा कक्षा 6 से नौगांव में शुरू हुई। लेकिन घर परिवार की आर्थिक परेशानी और दोस्तों की संगत के कारण बर्ष 1967 में फेल हो जाने के कारण तीन बर्ष तक मजदूरी की बर्ष 1971 में व्यापारिओं के यहाँ मजदूरी करते हुए। आगे की शिक्षा करने का पुनः निश्चित किया। सहयोग मिला। बर्ष 1974 में आठवीं पास होने के बाद मुझे चौकीदारी की नौकरी आर्मी कॉलेज नौगांव में एम् ई एस में लग गई।
प्रश्न - मुझे जानकारी मिली की आपने दिल्ली में मजदूरी भी की है ?
उत्तर -बिलकुल सही जानकारी है , मेरी आर्थिक करजोर होने के कारण मेने दो बर्ष मजदूरी की। धन संग्रह कर नौगाव वापिस आ गया। चाय -पान की दूकान की।
प्रश्न - -आपने उच्च शिक्षा भी ग्रहण की है।
उत्तर -बर्ष 1980 में प्राइवेट हायर सेकेंडरी परीक्षा दी। उसके बाद बापू महाविद्यालय में प्रवेश लिया। प्रथम बर्ष करने का साथ ही महाविद्यालय में झगङा हो जाने के कारण मुकदमा वाजी हो गई। कालेज से नाम काट दिया गया। मैंने प्राइवेट अनुमति ली और आगे फ़ाइनल किया। ग्रेजुएट होने के बाद आज भी पढ़ने की इच्छा होती है।
प्रश्न - आप प्रिंट मिडिया से कब से जुड़े और कैसे जुड़े ?
उत्तर -जब में दिल्ली से वापिस गांव आया जो मेरे दोस्त श्री अनिल जैन जो व्यापारी थे। उन्होंने कहाँ की प्राइवेट कॉलेज के छात्र संघ चुनाव में भागीदार बना। खबरों के शौक था पढाई के साथ साथ पत्रकारिता शुरू करो। पैसा में दूंगा। कॉलेज समय से ही पत्रकारिता शुरू हुई। फिर लिखने का शौक ने पत्रकारिता से जोड़ दिया। उसी समय न्यायलय में अनुज्ञप्ति लेकर रोजगार ही शुरू किया।
प्रश्न - पत्रकारिता की विश्वश्नीयता कैसे बचाई ?
उत्तर -में अपना निजी व्यवसाय करने लगा। सेठ साथ में था। इसलिए ईमानदारी की पत्रकारिता शुरू की फिर बर्ष 1984 में एक आयोजन के समय जिला जज साहब को बुलाया। उन्होंने पत्रकारिता की परिभाषा और कार्य करने के कारण गिनाये जो मुझे प्रेरणा दे गए। उसी समय से मेरी ईमानदारी की पत्रकारिता शुरू हुई।
प्रश्न - आप पर आपराधिक मामला दर्ज हुए ?
उत्तर -जब हम ईमानदारी से कार्य करेंगे तो दुश्मन हजार बने। झूठे मुकदमा दर्ज हुए I माननीय न्यायालय से न्याय मिला भविष्य में मुकदमे बनेंगे तो दोषमुक्त रहूंगा क्योंकि मैंने कभी कोई अपराध नहीं किया है ना मैं अपराध करता हूं
प्रश्न - सामाजिक कार्य कबसे और क्यों करते आ रहे है ?
उत्तर - मैं संतोष गंगेले कर्मयोगी ने नाम से समूचे मध्य भारत क्षेत्र या बुन्देलखण्ड क्षेत्र में बर्ष 2007 से लगभग 12 बर्षो से मोटरसाइकिल से समाज में भारतीय संस्कृति संस्कारो नैतिक शिक्षा को बचाने के लिए विभिन्न प्रकार से जन जागरूकता अभियान चलाता आ रहा हूँ। मेरे अभियान में शिक्षा , स्वास्थ्य ,स्वच्छता ,समरसता ,समाज ,नशा मुक्ति , दहेज़ एक कलंक , सड़क दुर्घटनाओं को रोकने जागरूकता। बेटी है तो कल है। बेटी बचाओ -बेटी पढ़ाओ अभियान। विद्यार्थीओ में प्रतिभाओ को निखारना , वाहन दुर्घटना रोकने के लिए जागरूकता प्रोत्साहित और सम्मानित करना। महापुरुषों की जीवनी पर विचार रखना। आत्मबल , आत्म शक्ति जागृत करना। जीवन जीने की कला। खेंल -कूंद के प्रति प्रेरित करने का प्रयास आदि आदि।
प्रश्न -आपको कहाँ -कहाँ सम्मानित किया गया ?
उत्तर - सम्मान स्थानीय स्तर से लेकर के दिल्ली तक हो चुका है सर्ब प्रथम शिक्षा विभाग के ब्लाक शिक्षा अधिकारिओ ने मुझे उत्त्साहित किया और मेरे विचारो को शिक्षक प्रशिक्षण केन्द्रो में दिलाये और हमारा ससम्मान किया। उसके बाद स्थानीय आयोजनों सम्मान मिला। मध्य प्रदेश स्तर पर प्रदेश में राजगढ़ जिला ,विदिशा ,भोपाल, सीहोर , इंदौर सागर आदि स्थानों पर पत्रकारिता के लिए सम्मानित किया गया। बुन्देलखण्ड स्तर पर काम करने के लिए 1 जुलाई 2015 को आजाद बी भवन दिल्ली में सुश्री उमाभारती जी के कर कमलो से हजारो नागरिको के बीच श्री हरदयाल कुशवाहा श्री गोविन्द अरजरिया श्री अशोक रिछारिया जी झाँसी के प्रयास से मिला। मेरा भाषण भी दिल्ली में हुआ। 31 मई 2015 को राष्ट्रीय स्तर पर मथुरा में चंद्रलेखा होटल में पत्रकारिता सम्मान मिला। कानपुर में चन्द्रगुप्त मौर्य सम्मान मिला। भिवानी हरियाणा में राष्ट्रिय सम्मान मिला। सम्पूर्ण ब्राह्मण समाज। समाज गौरव सम्मान जबलपुर में मिला। 9 जनवरी 2017 को बसवा दौसा राजस्थान में राष्ट्रीय पत्रकार और समाज सेवा सम्मान श्री रामदास आठवले के कर कमलो से मिला। बर्ष 2018 में उत्तर प्रदेश के मंत्री श्री हरगोविंद कुशवाहा ने मेढ़की मऊरानीपुर झाँसी में सम्मानित किया। इस प्रकार 50 से अधिक सम्मान से सम्मानित हो चूका हूँ। 1 सितम्बर 2019 को आदर्श शिक्षा रत्न सम्मान मथुरा में मिला यह सम्मान सबसे गौरवशाली मिला। उसमे मुझे राष्ट्रिय स्तर के शिक्षाविद के बीच अपने विचार रखने का अवसर मिला। मेरा नगर पालिका नौगाव नागरिक अभिनंदन भी कर चुकी है। हमारे लोक सभा क्षेत्र के संसद सदस्य डॉ वीरेंद्र खटीक जी तो दस बार सम्मान कर चुके। वह हमेशा महारे कार्यो की सराहना करते। है
प्रश्न क्या -आप ने अपने बेटे का बिबाह बिना दहेज़ किया। ?
उत्तर -बिलकुल सही है मेने अपने बेटे राजदीप गंगेले बेटे का बिबाह बिना दहेज़ किया था। जिसकी जिला प्रशासन ने सराहना की थी और आशीर्वाद भी देने जिला कलेक्टर पुलिल अधीक्षक आदि अधिकारी स्वम् आये थे। मेरी कथनी और करनी में कोई अंतर् नहीं है।
प्रश्न -आपको जीवन में दुःख क्या औऱ सुख क्या है ?
उत्तर -जीवन में दुःख यही है की मेरे किसी बुरे कार्यो के कारन मेरा एक पुत्र मानव जीवन का रास्ता बी भटक गया। पत्नी की मौत , दोस्तों ने धोका दिया। झूठे प्रकरण दर्ज हुए। सामाजिक समाज सेवा कार्य मेने वृद्ध अवस्था में शुरू की वह बहुत पाहिले करना चाहिए थी।
ख़ुशी यह है की मुझे जिंदगी और मौत का अंतर् समझ में आ गया। इसलिए व्यक्ति को जीवन में स्वस्थ्य रहकर समाज राष्ट्र देश की सेवा करना चाहिए। पीड़ित परेशान दुखी की मदद करना चाहिए।
प्रश्न -अभी तक आप कितनी शिक्षण संस्थाओ में अपने विचार रख चुके है।
उत्तर -शुरू में महाराजपुर और बिजावर बिधान सभा क्षेत्र तक ही सिमित था। लेकिन अब मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश के हजारो शिक्षण संस्थाओ / विद्यालयों में दस लाख से अधिक बच्चो को प्रोत्साहित कर चूका हूँ। सरकारी गैर सरकारी केंद्रीय विद्यालय नवोदय विद्यालय आदि में प्रोग्राम दे चुका हूं
प्रश्न -आप आम सन्देश क्या देना चाहते है ?
उत्तर - हर भारतीय को बेटी की सुरक्षा शिक्षा और रक्षा करना चाहिए होगी बेटी के अंदर चरित्र निर्माण करना सबका काम है हमारा अनुभव है की व्यक्ति को अपने पारिवारिक जुम्मेदारिओ को निभाते हुए। देश के लिए भारतीय संस्कृति संस्कारो नैतिक शिक्षा को बचाने के लिए विभिन्न प्रकार से समय समय पर ईमानदारी से कार्य करना चाहिए। माता पिता गुरु की सेवा और परिवारों में धर्म की स्थान सुमति के साथ कार्य करना चाहिए। अन्याय अत्याचार और भृष्टाचार का प्रत्येक व्यक्ति को विरोध करना चाहिए।
प्रश्न -क्या आपको प्रदेश सरकार या भारत सरकार से सम्मान मिला ?
उत्तर -बिलकुल नहीं ? प्रदेश सरकार और भारत सरकार तक मेरी कोई पहुँच नहीं है। में तो जो भी कार्य करता हूँ जनहित में करता आ रहा हूँ। मिडिया का सहयोग मिला और मिलता आ रहा है यदि सरकार कोई निर्णय लेगी तो अभी मुझे जानकारी नहीं है।
आखरी प्रश्न -आप समाज सेवा के लिए धन कहाँ से खर्च करते है और आपके परिवार की क्या भूमिका है। ?
उत्तर -मैंने मेहनत और मजदूरी के साथ तहसील /कोर्ट आदि में कार्य किया। जो मेरी संपत्ति है और पिता जी की है उसे से समाज सेवा देश सेवा हो रही है। मेरे परिवार के मेरी समाजसेवा से सभी खुश है सभी का सहयोग है।
यह थे। समाज सेवी संतोष गंगेले कर्मयोगी जिन्होंने अपने जीवन को देश सेवा के लिए समर्पित कर दिया।