Prayas News MP, इंदौर : पूर्व मंत्रियों को कॉंग्रेस कार्यकर्ताओं की अनदेखी अब पड़ेगी भारी

 



आदित्य उपाध्याय, इंदौर : मध्यप्रदेश में कॉंग्रेस की कमलनाथ सरकार को एक साल कुछ महीने ही हुए और सरकार गिर गई। कारण कुछ भी रहा हो, लेकिन अब उन मंत्रियों को कार्यकर्ताओं की अहमियत समझ आएगी जिसके कारण वह चुनाव जीते और सरकार बन पाई ।

अब उन कार्यकर्ताओं की सुध ली जाएगी जो मंत्री रहते दिखाई नही देते थे । अब उन कार्यकर्ताओं को तवज्जो दी जाएगी जो मंत्री रहते पहचाने नही जाते थे । अब उन कार्यकर्ताओं की जी-हुजीरी की जाएगी जिनको मंत्री रहते अपने आसपास भी भटकने नही दिया जाता था ।

 

मुश्किल होगी अगले विधानसभा चुनाव की डगर -

 

वरिष्ठ नेता सज्जन सिंह वर्मा , विजयलक्ष्मी साधौ हो या जीतू पटवारी, जयवर्धन सिंह या सचिन यादव, यह सभी कमलनाथ सरकार में मलाईदार विभागों में मंत्री रहे लेकिन इन्होंने अपनी ही विधानसभा या शहर के उन कार्यकर्ताओं से दूरी बनाते हुए अनदेखी भी करने में कोई कसर नही छोड़ी ।जिस कारण सरकार होते हुए भी कॉंग्रेस का कार्यकर्ता खुद को अकेला ही समझता रहा, जिसका भुगतान अगले विधानसभा चुनाव में शायद इन नेताओं को भुगतना पड़ सकता है ।

 

अब फिर संघर्ष का दौर आ गया -

अचानक बदले राजनीतिक समीकरण के चलते कमलनाथ सरकार गिर गई और कॉंग्रेस कार्यकर्ता फिर संघर्ष के दौर में खड़ा हो गया। लेकिन अब कार्यकर्ताओं को अपनी अहमियत पता चल गई है और वे अभी खामोश जरूर है, लेकिन वे इन बड़े नेताओं को समय आने पर जवाब देने की भी तैयारी में है । 

 

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